बसंत पंचमी अबूझ मुहूर्त है। इस दिन अन्नप्राशन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। बसंत पंचमी को शादी के बंधन में बंधने के लिए भी बहुत खास माना जाता है। गृह प्रवेश से लेकर नए कार्यों की शुरूआत भी इस दिन बहुत शुभ मानी जाती है, लेकिन इस बार बसंत पंचमी पर मांगलिक कार्य नहीं होंगे।
बसंत पंचमी 2021: बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा का 5:30 घंटे शुभ मुहूर्त, जीवन पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथा
वास्तव में हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्र तारा माघ शुक्ल तृतीया यानी 14 फरवरी 2021 को अस्त हो रहा है जो चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी 18 अप्रैल 2021 को उदित होगा। शुक्र तारे का अदय रहना मांगलिक कार्यों के बहुत आवश्यक है। इस बार बसंत पंचमी पर्व 16 फरवरी को मनाया जाएगा। यह दिन विद्या अध्ययन करने वाले छात्रों का दिन है। अगर किसी छात्र का अध्ययन में मन नहीं लगता है तो उन्हें मां सरस्वती के मूल मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मूल मंत्र है-श्रीं हीं सर्वस्वत्यै स्वाहा।
इसके अलावा बसंत पंचमी पर छात्रों को विशेष रूप से सुबह स्नान करके माता सरस्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। उन्हें किसी पीली मिठाई का भोगेजाना चाहिए, इसके साथ ही पीले वस्त्र धारण करने चाहिए। अगर हो सकता है तो इस दिन मां सरस्वती के लिए व्रत भी रखना चाहिए। मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि-विधान से पूजा करने वालों को विद्या और बुद्धि का वर प्राप्त होता है।
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